हिंदू पुराण में क्या है कथा जो हर हिंदू को जाने जरुरी है । श्री सोमनाथ मंदिर ज्योतिर्लिंग की कथा हिंदी में । जानें श्री सोमनाथ मंदिर के पीछे की पौराणिक कथा

श्री सोमनाथ मंदिर ज्योतिर्लिंग  की कथा हिंदी में





सम्बद्धता हिंदू धर्म
देवतासोमनाथ (शिव)
शासी निकायश्री सोमनाथ न्यास
प्रकारहिन्दू वास्तुकला
निर्माण पूर्ण1951 (वर्तमान भवन)
निकट घाटत्रिवेणी घाट
Phone094282 14915
AddressSomnath Mandir Rd, Veraval, Gujarat 362268





 सोमनाथ ज्योतिर्लिंग  




Somnath Mandir: कैसे हुआ था सोमनाथ मंदिर का निर्माण, जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा श्री सोमनाथ मंदिर की कथा, इतिहास और महत्व Somnath Mandir Ka Itihas सोमनाथ मन्दिर का इतिहास और कहानी सोमनाथ मंदिर का इतिहास | Somnath Temple History क्या आप जानते हैं सोमनाथ मंदिर के निर्माण से जुड़ी ये पौराणिक कथा?



यह ज्योतिर्लिंग गुजरात प्रांत के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर में स्थापित है इस क्षेत्र को प्रभास पाटण क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। जहां लीला पुरुषोत्तम भगवान् श्रीकृष्ण ने यदुवंश का संहार करते जरा नामक वायाध्या के बाण से अपना पाद पध वेधन कराकर अपनी नरलीला सवरण की थी


स्कंद पुराण के प्रभास खंड में उनकी कथा का संदर्भ मिलता है कथा इस प्रकार है

चंद्रमा ने दक्ष की 27 पुत्रियों से विवाह करके एक मातृ रोहिणी मैं इतनी असक्ति और अनुराग दिखाया कि अन्य 26 अपनी को उपेक्षित और अपमानित अनुभव करने लगी उन्होंने अपने पति से निराश होकर अपने पिता से शिकायत की तो पुत्रियों  की वेदना से पीड़ित दक्ष ने अपने दमाद चंद्रमा को दो बार समझाने का प्रयास किया परंतु विफल हो जाने पर उसने चंद्रमा को क्षयी होने का श्राप दे दिया देवता लोग चंद्रमा की व्यथा से व्यथित होकर ब्रह्माजी के पास जाकर उनसे श्राप निवारण का उपाय पूछने लगे ब्रह्मा जी ने प्रभास क्षेत्र में महामृत्युंजय से वर्णध्वज शंकर की उपासना करने का एक मात्र उपाय बताया चंद्रमा के छह मास तक पूजा करने पर शंकर जी प्रकट हुए उन्होंने चंद्रमा को एक पक्ष में प्रतिदिन उसकी एक एक कला नष्ट होने और दूसरे पक्ष में प्रतिदिन उस की एक-एक कला नष्ट होने और दूसरे पक्ष प्रतिदिन बढ़ने का वर दिया देवताओं पर प्रसन्न होकर उस क्षेत्र की महिमा बढ़ाने के लिए और चंद्रमा सोम के यश के लिए सोमेश्वर नाम से शिव जी वह अवस्थित हो गए देवताओं ने उस स्थान पर सोमेश्वर कुंड की स्थापना की । इस कुंड में स्नान कर सोमेश्वर कुंड की स्थापना की।


इस कुंड में स्नान का सोमेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन पूजा से सब पापों से निस्तार और मुक्ति की प्राप्ति हो जाती है।


Somnath Mandir: कैसे हुआ था सोमनाथ मंदिर का निर्माण, जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा श्री सोमनाथ मंदिर की कथा, इतिहास और महत्व Somnath Mandir Ka Itihas सोमनाथ मन्दिर का इतिहास और कहानी सोमनाथ मंदिर का इतिहास | Somnath Temple History क्या आप जानते हैं सोमनाथ मंदिर के निर्माण से जुड़ी ये पौराणिक कथा?



सोमेश्वर में सोम ,चंद्रमा की ही पहचान का नाम बना। इसलिए यह  ज्योतिर्लिंग सोमनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

        अतः इस स्थान को प्रभास पतन के नाम से भी जाना जाता है । कुछ समाय उपरांत रावण ने रूप का, कृष्ण भगवान ने चंदन का, इस तरह से सोमनाथ के मंदिर बांधे। सोरोटी सोमनाथ के परिसर में फैले अनेक पौराणिक स्थान है ।






FAQ Of सोमनाथ मंदिर और ज्योतिर्लिंग


Q1.   सोमनाथ ज्योतिर्लिंग कहाँ है ?

Ans.  सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के वेरावल बंदरगाह में।




Q2.   सोमनाथ मंदिर पर सर्वप्रथम किस मुस्लिम आक्रमणकारी ने आक्रमण किया, कितने बार किया और कब किया ?

Ans.  महमूद ग़ज़नवी अफ़ग़ानिस्तान के गज़नी राज्य का राजा था जिसने धन की चाह में भारत पर 17 बार हमले किए, सन 1024 ईसवी में उसने पहेली बार किया।




Q3.   सोमनाथ मंदिर के दसोमनाथ मंदिर के दर्शन की TIMING क्या है ?र्शन की TIMING क्या है ?

Ans.  7:30–11 am 12:30–6:30 pm 7:30–10 pm




Q4.   सोमनाथ मंदिर के आरती की TIMING क्या है ?

Ans.  ARTI TIMING Pooja Timing 07:00 AM IST : Aarati 12:00 PM IST : Aarati 07:00 PM IST : Aarati




Q5.   सोमनाथ मंदिर का पता और मोबाइल नंबर ?
Ans.  Shree Somnath Jyotirlinga Temple, Gujarat Temple details Address Somnath Mandir Rd, Veraval, Gujarat 362268 Contact Number 94282 14915 / 9428214823




Q6.   आधुनिक भारत में सोमनाथ मंदिर कब बनवाया गया ?
Ans.  आजादी के बाद साल 1951 में बनाएगा (वर्तमान संरचना)




Q7.   आधुनिक भारत में सोमनाथ मंदिर किसने बनवाया ?
Ans.  सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनाया था। (वर्तमान संरचना)


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